भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

HELLO – दोस्तों आज हम बात करेगें विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप चल रही हैं। उसमे भारत की तरफ से इतिहास लिखा गया है। किसी चैम्पियनशिप में पहली बार भारत को ऐसी सफलता मिली , तीन मुक्केबाजो ने जीत के साथ अंतिम चार में जगह सुनिश्चित की जिनके नाम हहै , दीपक निशांत और हुसामुद्दीन है। जो सेमीफाइनल में तीन पदक पक्के जिससे भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

र्विश्व मुक्केबाजों ने ताशकंद में चल रही विश्व चैम्पियनशिप में इतिहास रच दिया है। दीपक भिरिया (51किग्रा) मोहम्मद हुसामुद्दीन (57किग्रा) और निशांत देव (71किग्रा) ने बुधवार को विपरीत अंदाज में जीत दर्ज करके सेमीफाइनल में जगह बनाने के साथ ही भारत के लिए तीन पदक पक्के कर लिया।

पहली बार हुआ :

ऐसी पहली बार हुआ है की किसी एक चैम्पियनशिप में भारत के लाला ने तीन पदक जीते हैं। इससे पहले 2019 में भारत ने दो पदक जीते थे। बुधवार को दो बार के राष्ट्रमंडल खेलों के कांस्य पदक विजेता हुसामुद्दीन को बुल्गारिया के जे डियाज इबानेज़ के खिलाफ काफी पसीना बहाना पड़ा। इसके बावजूद उन्होंने यह मुकाबला विभाजित फैसले में 4 – 3 से जीता।

दूसरी तरफ दीपक ने किर्गिस्तान के नूरजहिंगित दुशेबाएव को 5-0 के सर्वसम्मत फैसले से हराकर फ्लाईवेट वर्ग में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा. उनका यह वजन वर्ग पेरिस ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा है।
दीपक ने मुकाबले में इस तरह से दबदबा बना कर रखा था की रेफरी को दुशेबाईव को लिये दो बार गिनती करनी पडी। भारतीय मुजक्केबाजी ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाकर सटीक मुक्के जेड। दुशेबाइव ने 0 – 5 से पिछड़ने के बाद दूसरे राउंड में आक्रामक रवैया अपनाया लेकिन दीपक ने शानदार रक्षण और जबावी हमले से उन्हें पास्ट कर दिया। दीपक ने पीला दो राउंड अपने नाम करने के बाद तीसरे और अंतिम राउंड में रक्षात्मक रवैया अपनाया और अपने प्रतिद्वंदी को किसी तरह का मौका नहीं दिया।

तीसरे मुकाबले में 22 साल के हरियाणा के निशांत देव ने कबूया के मुक्केबाज क्यूलर टैरी जॉर्ज को 5 -0 से शिकस्त देकर भारत क्र लिए तीसरा पड़ा सुनिश्चित किया. निशांत पिछले टूमेंट में क़्वार्टर फाइनल में हर गए थे।

मुक्केबाजों के बारे में कुछ विशेष बाते:

1.मोहम्मद हुसामुद्दीन (57किग्रा)

भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

  • मोहम्मद हुसामुद्दीन  एक भारतीय मुक्केबाज (Boxer) हैं जो तेलंगाना के निजामाबाद से आते हैं. मोहम्मद हुसामुद्दीन का नाम भारत के सबसे प्रतिभाशाली मुक्केबाजों में लिया जाता है.भारतीय मुक्केबाज मोहम्मद हुसामुद्दीन का जन्म 12 फरवरी 1994 को हुआ था. वह निजामाबाद के मुक्केबाजों के परिवार से आते हैं. उनके पिता मोहम्मद शम्सुद्दीन एक पूर्व राष्ट्रीय मुक्केबाज हैं. मोहम्मद हुसामुद्दीन छह भाइयों में सबसे छोटे हैं, जिनमें से दो, एतेशामुद्दीन और इतिशमुद्दीन भी अच्छे मुक्केबाज हैं. सभी भाईयों को पिता ने मुक्केबाजी (Boxing) की शुरुआती ट्रेनिंग दी है. पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट में नरेंद्र राणा से कोचिंग ली है. अपना खेल बेहतर करने वह साल 2011 में वह हवाना, क्यूबा में प्रशिक्षण लेने के लिए गए और इसके एक साल बाद, उन्होंने फ़िनलैंड में अक्टूबर 2012 के टैमर कप में भाग लिया. अगले महीने येरेवन, आर्मेनिया में वह युवा विश्व चैंपियनशिप बन गए. ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में मोहम्मद हुसामुद्दीन ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता था.
  • मोहम्मद हुसामुद्दीन ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 2009 के जूनियर नेशनल के साथ राष्ट्रीय परिदृश्य में कदम रखा, जहां उन्होंने कांस्य पदक हासिल किया.• उन्होंने मई 2011 में काकीनाडा में यूथ नेशनल में रजत पदक जीता.• दक्षिण कोरिया में 2015 के सैन्य विश्व खेलों में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया.
  •  2018 राष्ट्रमंडल खेलों में मोहम्मद हुसामुद्दीन ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता
  • ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में मोहम्मद हुसामुद्दीन ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कांस्य पदक जीता था.

2.दीपक भिरिया (51किग्रा)

भारतीय मुक्केबाजों ने जीत के साथ फेराया परिचम

दीपक का जन्म हरियाणा के हिसार में हुआ था वो इक बहुत गरीब घर से एते हे वो बहुत मेहनती है. उन्होंने बॉक्सिंग के लिया घर- घर पर जा के न्यूज़ पेपर डाला करते हे वो अपने डाइट और बॉक्सिंग के सामन के लिए पेपर डाला करते थे.और माँ खेतो में काम करती थी लेकिन, उन्होंने हार नहीं मानी और परिणाम सबके सामने है।उनके दिन तब बदलने लगे जब उन्हें यूनिवर्सल बॉक्सिंग अकादमी, हिसार में राजेश शेवरन का मार्गदर्शन मिला। वह बताते हैं- 2009 में आर्थिक विषमताओं की वजह से मैंने बॉक्सिंग की ट्रेनिंग छोड़ दी। तब मेरे कोच ने मेरा सपॉर्ट किया। लगभग 6 महीने बाद वह मुझे बॉक्सिंग में वापस लाए। उन्होंने मेरी डायट और ट्रेनिंग फीस का जिम्मा खुद उठाया।

उन्होंने बताया, ‘वर्ष 2012 मेरे लिए खास रहा। मैंने स्टेट लेवल टूर्नमेंट में पहली बार गोल्ड मेडल जीता। इसी समय एआइबीए ने 2012 में भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ को निलंबित कर दिया। इस 21 वर्षीय बॉक्सर ने हाल ही में मकरान कप का गोल्ड मेडल अपने नाम किया। यह टूर्नमेंट ईरान के चाबहार में हुआ था। तीन बार के राष्ट्रीय विजेता हरियाणा के दीपक ने 46-49 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में जाफर नासेरी को मात दी थी। यह इस टूर्नमेंट में भारत का एक मात्र गोल्ड मेडल रहा। भारत ने यहां कुल 8 पदक हासिल किए हैं, जिसमें एक गोल्ड, पांच सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल थे।

3.निशांत देव (71किग्रा)

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निशांत देव का जन्म हरियाणा में साल 23-12 -2000 में हुआ था उनके पिता जी का नाम पवन कुमार और माता का नाम प्रियंका है.

  • कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र, हरियाणा में 28 वीं सब-जूनियर पुरुष राज्य मुक्केबाजी चैंपियनशिप में इन्होने उसमे सिल्वर पदक जीता था
  • हरियाणा के मेहंदीरगढ़ में 30 वीं सब जूनियर पुरुष हरियाणा राज्य मुक्केबाजी चैंपियनशिप में इन्होने उसमे गोल्ड पदक जीता था

42 वीं जूनियर पुरुष हरियाणा राज्य मुक्केबाजी चैम्पियनशिप ताऊ देवीलाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, गुरुग्राम में 18 से 21 दिसंबर, 2016 तक हरियाणा में इन्होने उसमे गोल्ड पदक जीता था

अब तक मुक्केबाज जिन्होंने पदक जीते:

  1. विजेंद्र सिंह – कांस्य(2009)
  2. विकाश कृष्ण – कांस्य(2011)
  3. शिव थापा – कांस्य(2015)
  4. गौरव विधूड़ी – कांस्य(2017)
  5. मनीष कौशिक – कांस्य(2019)
  6. अमित पंघाल – रजत (2019)
  7. आशीष कुमार – कांस्य(2021)

 

FAQ

     1. भारत में सबसे अच्छा बॉक्सर कौन था? 

ANS.

  1. विजेंद्र सिंह – कांस्य(2009)
  2. विकाश कृष्ण – कांस्य(2011)
  3. शिव थापा – कांस्य(2015)
  4. गौरव विधूड़ी – कांस्य(2017)
  5. मनीष कौशिक – कांस्य(2019)
  6. अमित पंघाल – रजत (2019)
  7. आशीष कुमार – कांस्य(2021)

2.   दुनिया का बॉक्सर कौन है?

ANS .  मोहम्मद अली दुनिया का सबसे बेस्ट बॉक्सर था जो की 3 बार हैवीवेट में वर्ल्ड चैंपियन रहे थे।

3.एक बॉक्सर को कितने पैसे मिलते हैं?

ANS.  जो भी कोई बॉक्सर प्रो लीग या वर्ल्ड चैंपियन जीतता हे तो उसे कम से कम 20 से 25 करोड़ रुपया मिल जाते है।

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