HELLO – दोस्तों, आज हम बात करेंगे की भूटान का राष्ट्रीय खेल क्या हैं और उसका इतिहास और नियम के बारे में मैं बात करेंगे और उसकी पूरी जानकारी प्रदान करेंगे इस ब्लॉग में भूटान के राष्ट्रीय खेल के नियम और उनके इंटरनेशनल खिलाड़ियों के बारे में भी बात करेंगे।
भूटान का राष्ट्रीय खेल क्या हैं और उसका इतिहास और नियम के बारे में ?( National sport of Bhutan and its history and rules?
भूटान का राष्ट्रीय खेल की बात करें तो भूटान का राष्ट्रीय खेल ‘ तीरंदाजी ‘ (ARCHERY) का भूटान का राष्ट्र्रीय खेल हैं, भूटान तीरंदाजी अभ्यास बहुत पहले किया जाता रहा हैं , इसे 1864 की लड़ाई में तिब्बती और ब्रिटिश आक्रमणरियो के खिलाफ एक प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल किया था।
भूटान में तीरंदाजी का इतिहास (History of Archery in Bhutan)
भूटान की साल 1864 की लड़ाई में तिब्बती और ब्रिटिश आक्रमणकारियों के खिलाफ इसे एक प्रमुख हथियार के रूप में इस्तेमाल किया गया था। इतना ही नहीं, भूटान के जीवन और इतिहास में इस खेल के महत्व को प्रदर्शित करते हुए ऐतिहासिक चित्रों और दीवार की नक्काशी में भी धनुष और तीर देखे जा सकते हैं।
वास्तव में, जब तिब्बती राजा लंगदर्मा ने 10वीं शताब्दी में बौद्ध धर्म को मजाक के तौर पर लेना शुरू किया, तो एक बौद्ध भिक्षु लहलुंग पेल्गी दोरजी द्वारा ब्लैक हैट डांस के बीच में धनुष से सीधे निशाना साधकर उनकी हत्या कर दी गई। इसलिए, यह कहना सुरक्षित होगा कि तीरंदाजी की जड़ें भूटान की जमीन के नीचे गहरी हैं। भूटान तीरंदाजी संघ साल 1971 में भूटान का राष्ट्रीय खेल किए गए भूटान में तीरंदाजी के प्रति लोगों का झुकाव साल 1920 के दशक में देश के दूसरे राजा जिग्मे वांगचुक के नेतृत्व में शुरू हुआ।
भूटान का राष्ट्रीय खेल तीरंदाजी है। स्थानीय रूप से “जोंगड्राक” या “तीरंदाजी” के नाम से जाना जाने वाला यह खेल भूटान में गहरा सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व रखता है। 1900 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में तीरंदाजी को ओलंपिक के शामिल किया गया था।
तीरंदाजी का इतिहास (History of Archery)
धनुष का उपयोग हजारो साल पहले से किया जा रहा हैं धनुष और तीर का प्रयोग युद्ध और शिकार के लिए किया जाता सबसे पहले इसका प्रयोग मिस्र से लेकर चीन के शांक राजवंश (1766 – 1027 ईसा पूर्वा ) में उपयोग किया रहा था। तीरंदाजी का पहला रिकॉर्ड किया गया आयोजन साल 1583 में इंग्लैंड के फिन्सवरी में हुआ था और इसमें 3000 खिलाड़ीयो शामिल हुए थे।
इंग्लैंड के टूर्नामेंट के बाद विभिन्न देशो नियमित प्रतियोगिताएं आयोजित की गयी तीरंदाजी को पहली बार साल 1900 में पुरुषो के लिए और 1904 में महिलाओ के लिए सबसे शुरुआती खेलो में से एक था और उसके बाद साल 1908 और 1920 में कुछ दशकों के लिए इसे हटा दिया और साल 1972 में दूसरे पुन: शामिल किया गया।
तीरंदाजी के लिए उपकरण (Equipment for Archery
भूटान का राष्ट्रीय खेल तीरंदाजी में किये जाने वाले आवश्यक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है,जानें इस प्रकार।
1.धनुष (Bow)
धनुष तीन प्रकार के होते हैं जो रिकर्व धनुष (Recurve Bow) कंपाउंड धनुष (Compound Bow) लाँगबो धनुष (Longbow Bow) के होते हैं।
- रिकर्व धनुष (Recurve Bow): ओलंपिक तीरंदाजी में इस्तेमाल किए जाने वाला धनुष रिजर्व धनुष है इसकी सीरी जब ढीले होते हैं तो तीरंदाजी से दूर मुड़ जाते हैं।
- कंपाउंड धनुष (Compound Bow): चरखी प्रणाली और केम द्वारा पहचाना जाता है यह एक यांत्रिक लाभ प्रदान करता है जो तीरंदाजी को कम शारीरिक प्रयास के साथ धनुष को पूरी तरह से खींचने में आसान बनता है।
- लॉन्गबो धनुष (Longbow Bow): पारंपरिक तीरंदाजी के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला लॉन्गबो एक आसान पारंपरिक धनुष है जिसमें लंबे सीधे अंग होते हैं इसमें रिजर्व या कंपाउंड धनुष नहीं है, जो अन्य धनुष में होती है।
2. तीर (Arrow)
तीर को अलग-अलग भाग में बांटा गया है जैसे पदार्थ लंबाई और स्पाइन भाग होते हैं इसमें सॉफ्ट एक टिप एक लोक होती है नोक जो धनुष की डोरी से जोड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है और फ्लैशिंग जो पंख को कहा जाता है तीर का इस्तेमाल तीरंदाजी में शिकार या शूटिंग के दौरान प्रयोग किया जाता है।
3. धनुष की डोरी (Bow string)
मॉडर्न धनुष की दूरी आमतौर पर डे क्रोम या फास्टफ्लाइट जैसे सिंथेटिक मटेरियल से बनी होती है तीर को चलाने के लिए धनुष की डोरी का समय-समय पर चेक करना और बदलने की जरूरत पड़ती है।
4.स्ट्रिंग साइलेंसर (String Silencer)
यह एक उपकरण है जिसका उपयोग तीर को छोड़ते समय होने वाले शोर को कम से काम करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
5.एरो रेस्ट (Arrow Rest)
यह एक तरह का स्टैंड की तरह कार्य करता है यह तीर को चलाने से पहले और चलने के दौरान तीर को धनुष पर स्थिर रखता है और धनुष को अपनी स्थिति पर स्थिर रखता है।
6.धनुष दृष्टि (Bow sight)
यह एक प्रकार का उपकरण है जो अधिक सटीक निशाना लगाने में सहायक होता है।
7.स्टेबलाइजर्स (Stabilizers)
यह उपकरण धनुष से जोड़ा एक अटैचमेंट शर्ट के दौरान संतुलन बनाए रखने में मदद करता है जो इससे धनुष में कंपन कम से काम करता है।
8.तरकस (Quiver)
यह उपकरण तरकस एक तीर पकड़ने वाला है जिससे तीरंदाज अपने शरीर पर पहन सकता है या अपने धनुष पर बांध सकता है तरकश भी अलग-अलग प्रकार के होते हैं।
9.आर्मगार्डन (Arm Garden)
आर्म गार्ड आगे की बाजू पर पहने जाने वाला उपकरण है आर्म गार्ड से तीरंदाज के बॉडी पर धनुष की डोरी से बचाव किया जाता है।
10. फिंगरटैब (Finger Tabs)
फिंगर टैब को रिलीज एड के नाम से भी जाना जाता है फिंगर टाइप का कार्य उंगलियों को सुरक्षा देने का कार्य करता है इससे धनुष की डोरी को खींचना और छोड़ने में मदद मिलती है।
तीरंदाजी के प्रकार (Types of archery)
1. टारगेट तीरंदाजी (Target archery)
इस तीरंदाजी में निश्चित दूरी स्थित पर गोलाकार टारगेट पर निशाना लगाना होता है टारगेट तीरंदाजी मैं पीले लाल नीले काले और सफेद टारगेट का प्रयोग किया जाता है इसमें हर रंग का स्कोर होता है टारगेट त तीरंदाजी में 70 मीटर और कंपाउंड तीरंदाजी के लिए 50 मीटर की दूरी पर सेट किया जाता है।तीरंदाज 90 मीटर तक की दूरी तक निशाना साधते हैं आमतौर पर पहचानने योग्य 5 रंग के लक्ष्य पर, जिसमें 10 स्कोरिंग क्षेत्र और स्वर्ण, लाल, नीले, काले और सफेद रंग के छल्ले होते हैं।
2. 3D तीरंदाजी (3D Archery)
यह साल 2003 में विश्व तीरंदाजी में हर 2 साल में विश्व तीरंदाजी की 3D चैंपियनशिप आयोजित किया जाता है इसमें एक कोर्स के चारों ओर अलग-अलग हर ऊंचाई पर अलग-अलग जानवरों के आकार के बोर्ड स्थित होते हैं प्रतीक लक्ष्य पर एक से तीन-तीन चलाए जाते हैं इसके पांच से 60 मीटर की दूरी पर एक पीला और काले रंग का लक्ष्य सेट किया जाता है।
3.पैरा तीरंदाजी (Para Archery)
यह साल 1960 में खेलों के पहले टूर्नामेंट के बाद से पैरा ओलंपिक कार्यक्रमों में शामिल किया गया था इसमें तेरा तीरंदाजी में ओपन W1 जैसी टूर्नामेंट सम्मान रूप से ही मान्यता प्राप्त दी गई पारा तीरंदाजी के खिलाड़ियों के लिए मैदान को समतल करने के लिए साउथ टेब से लेकर कस्टम रिलीफ एड्स या व्हीलचेयर तक सहायक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
4. इनडोर तीरंदाजी (Indoor Archery)
यह साल 1960 में खेलों के पहले टूर्नामेंट के बाद से पैरा ओलंपिक कार्यक्रमों में शामिल किया गया था इसमें तेरा तीरंदाजी में ओपन W1 जैसी टूर्नामेंट सम्मान रूप से ही मान्यता प्राप्त दी गई पारा तीरंदाजी के खिलाड़ियों के लिए मैदान को समतल करने के लिए साउथ टेब से लेकर कस्टम रिलीफ एड्स या व्हीलचेयर तक सहायक उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।
तीरंदाजी के नियम (Archery rules)
- टारगेट जॉन पर वहां गिरता है उसके आधार पर खिलाड़ी को अंक दिया जाता है लक्ष्य को आमतौर पर अलग-अलग अंक में विभाजित किया जाता है।
- स्कोरिंग सिस्टम अलग-अलग हो सकता है जैसे कल तीरों की संख्या पर स्कोर या एक राउंड पर स्कोरिंग टूर्नामेंट में किया जाता है और प्रतियोगिता में स्कोरिंग के नियम का भी पालन किया जाता है।
- उपकरण की जांच प्रतियोगिता के नियम के अनुसार अपने सभी उपकरणों को मैच से पहले अच्छी तरह से जांच किया जाता है खिलाड़ियों द्वारा।
क्या है 720 राउंड तीरंदाजी
720 राउंड जिसे ओलंपिक राउंड भी कहा जाता है इसमें 122 के 6 से होते हैं जैसे ओलंपिक रिकॉर्ड स्टाइल धनुष के लिए 70 मीटर की दूरी पर एक 122 mm की 10- रिंग टारगेट पर कंपाउंड धनुष के लिए 50 मीटर की दूरी पर एक 80 cm – 10 रिंग की लाइन पर दागा जाता है कुल 72 के लिए 10 रिंग पर लगाने वाले 72 तीरों का एक पूर्ण स्कोर 720 का होगा।
FAQ
1.Q तीरंदाजी में 720 राउंड क्या होता है?
ANS: 720 राउंड जिसे ओलंपिक राउंड भी कहा जाता है इसमें 122 के 6 से होते हैं जैसे ओलंपिक रिकॉर्ड स्टाइल धनुष के लिए 70 मीटर की दूरी पर एक 122 mm की 10- रिंग टारगेट पर कंपाउंड धनुष के लिए 50 मीटर की दूरी पर एक 80 cm – 10 रिंग की लाइन पर दागा जाता है कुल 72 के लिए 10 रिंग पर लगाने वाले 72 तीरों का एक पूर्ण स्कोर 720 का होगा।
2.Q: तीरंदाजी के लिए धनुष की कीमत क्या है?
ANS: तीरंदाजी की की बात करें तो धनुष की कीमत अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के अनुसार 5000 से लेकर 25000 तक कीमत वाले धनुष मिल जाते हैं।
3.Q: भूटान का राष्ट्रीय खेल क्या हैं?
ANS: साल 1971 में भूटान का राष्ट्रीय खेल किए गए भूटान में तीरंदाजी के प्रति लोगों का झुकाव साल 1920 के दशक में देश के दूसरे राजा जिग्मे वांगचुक के नेतृत्व में शुरू हुआ।