कबड्डी खेल की शुरुआत कब और कहाँ से हुई और इसके क्या नियम हैं ?(When and where did the game of Kabaddi start and what are its rules?)

HELLO – दोस्तों आज हम बात करें गे सबसे लोकप्रिय खेलो में से एक खेल के बारे में बात करे वो हे , कबड्डी। कबड्डी खेल की शुरुआत कब और कहाँ से हुई और इसके क्या नियम हैं इस के बारे में आप को पूरी जानकारी दिया जायेगा ये ऐसा एक इसा खेल हे इसमें सबसे ज्यादा तेजी ,आक्रमण और ताकत ,टेक्निक वाला खेल है।कबड्डी का भारत पारंपरिक खेल हे और दुनिया का सबसे पुराने खेल में से एक खेल है।

कबड्डी खेल की शुरुआत कब की बात करे कभी ना कभी सभी उम्र के आदमी और बच्चे और बुजुर्ग को भी खेलते देखा हो गा। कबड्डी और खोखो हम लोगो ने अपने स्कूल लटिमे में खेला है स्कूलो में हमेश से स्पोर्ट में सबसे ज्यादा खेले जाने वाला खेल था।ये खेल 2014 में प्रो कबड्डी टीवी पर जबसे लीग आने लग गयी जबसे कबड्डी घरघर तक पहुंची और बहुत लोगो को में लोकप्रियता बढ़ने लगी और पूरे विश्व में देखा जाने लगा।

कबड्डी खेल की शुरुआत कब और कहाँ से हुई और इसके क्या नियम हैं ?

 

कबड्डी खेल की शुरुआत कब और कहाँ से और इसके क्या नियम हैं ?(When and where did the game of Kabaddi start and what are its rules?)

कबड्डी खेल की शुरुआत कब:

कबड्डी खा इतिहास बहुत पुरान बताया जाता है। कबड्डी को भारत में पीडी दर पीडी खेलते आये है, कबड्डी को भारत और कई देशो में खेलते हैं और भारत के हर राज्य और देशों में अलग अलग नाम से बोल कर खेला जाता है।

ये महाराष्ट्र के सतारा गाँव ले लोगो चालू किया था। ये हिन्दू विजय जिमखाना बड़ौदा ने साल 1923 में कबड्डी खेल के नियमों को छपवाया था ,और इसकी खेल 3 शैलिया थी ,और कुछ जगह पर 1915 से 1920 के बीच भी नियमों बनने की बात करी गयी है।

ये 11वे ओलंपिक यानी 1936 के बर्लिन ओलंपिक में कबड्डी को प्रदर्शन खेल के रूप में शामिल किया गया और ये जापान में कबड्डी को बहुत ख्याती मिली वहाँ पर इस खेल को सुन्दर राम नामके भारतीय ने साल 1979 में रखा और इसका सबसे पहले भारत और बंगलादेश से हुआ था।

साल 1979 में हुआ था ,उसके बाद 1982 के नई दिल्ली के एशियाई खेलो में पारंपरिक खेलो के रूप में शामिल किया गया इस टूनामेंट में कई देख ने भाग लिया था वो देश नेपाल ,जापान और मलेशिया शामिल हुए थे।

कबड्डी का जनक (Father of Kabaddi)

क्या आप जानते है कि कबड्डी का जनक (Father of Kabaddi) किसे कहा जाता है। तो बता दें कि हरजीत बराड़ बाजाखाना (Harjit Brar Baja Khana) को कबड्डी का पिता कहा जाता है।

कबड्डी खेल का परिचय (Introduction to Kabaddi Game)

राष्ट्रीय खेल बंगलादेश
कबड्डी के अधिकतम खिलाड़ी 12 खिलाड़ी
मैदान पुरुष (13 by 10 मीटर)

महिला (12by8 मीटर)

खेल का समय सीमा पुरुष (40मिनट)

महिला (30 मिनट)

खिलाड़ी का रेड समय 30 सेकेण्ड
भरता में शुरुआत 1915 से 1920
वर्ल्ड कप 2004 से चालू लिया
खिलाडीयो का बॉडीवेट सीनियर पुरुष (85kg)

सीनियर महिला (70kg)

जूनियर पुरुष (74kg)

जूनियर महिला(65kg)

ब्रेकटाइम 5 मिनट
भारत में कबड्डी की फेडरेशन साल1950
भारतीय कबड्डी प्रोलीग 26 जुलाई 2014 चालू किया गया

कबड्डी के मिलते जुलते नाम (Similar names of Kabaddi)

तमिलनाडू चादुकट्टू
बंगलादेश हद्दू
मालद्वीप भवतिक
पंजाब कुड्डी
पूर्वी भारत हूतू तू
आन्ध्र प्रदेश चेडूगुडू
तमिल काई पीडी 

कबड्डी खेल की किट (Kabaddi Game Kit)

कबड्डी के खेल की किट की बात करे तो खिलाड़ियों को आराम का भी ध्यान रखा जाता है ,कबड्डी खेलमें खिलाड़ीयो को टी शर्ट और हाफ नेकर के साथ जूते भी पहना जाता है।

कबड्डी के नियम (Rules of Kabaddi)

  • जिसकी कबड्डी रेड जाने की बारी है वह खिलाड़ी बिना सांस तोड़े कबड्डी कबड्डी बोलेगा.
  • उसे टच लाइन पार करनी है, अन्यथा वह आउट माना जाएगा.
  • अगली लाइन बोनस लाइन है. उसको एक पैर से पार कर दूसरा पैर थोड़ा हवा में थोड़ा भी थोड़ा भी उठाने पर एक .बोनस अंक अतिरिक्त मिलेगा.
  • इस दौरान जितने भी खिलाड़ियों को छू कर, मध्य रेखा को छू लेगा, उतने ही अंक उस टीम को मिलेंगे.यदि वह पकड़ा जाता है तथा मध्य रेखा तक नही पहुच पाता है, तो वह आउट माना जाएगा. साथ ही विपक्षी टीम को एक अंक मिलेगा.
  • कबड्डी में आउट खिलाड़ी उसी क्रम में वापिस पाले में आएगे, जिस क्रम में वे आउट हुए है.
  • 20 मिनट बाद 10 मिनट का मध्यांतर होगा. मध्यांतर के बाद 20 मिनट का खेल और होगा.
    जिस टीम के ज्यादा अंक होगे, वह टीम विजेता बन जाएग
  • इस खेल में होने वाले मैच खिलाडी की उम्र और उसके वजन के अनुसार टीम होते हैं. इस खेल के दौरान खिलाड़ियों के अतिरिक्त कोच और हेड कोच, डॉक्टर और खिलाडी के मैनेजर आदि , मैदान में 6 सदस्य भी मौजूद् होते हैं. इन सदस्यों मे एक रेफरी, दो अंपायर, एक स्कोरर और दो असिस्टेंट स्कोरर भी होते हैं.

 

कबड्डी खेल के कुछ पॉइन्ट (Some points of Kabaddi game)

1. बोनस पॉइंट:    छः या छः से खिलाड़ी की मौजूदगी में यादी रेडर बोनस लाइन तक पहुंच कर टच कर के आता हैं तो रेडर को बोनस पॉइंट मिलता है। 

2. टैकल पॉइंट:एक या एक से अधिक डिफेंडर रेड को 30 सेंकेंड तक रोक लेता हे ,तो रेडर की सांस टूट जाती है। तो उसे टैकल पॉइंट कहते है। 


3.
आलआउट:यदि विपक्ष की पूरी टीम के खिलाडी आउट करने में सफल हो जाते है। तो सामने वाली तो सामने वाली टीम को २ पॉइंट मिल जाते है। 

4. सुपर टैकलटीम में एक से तीन डिफेंडर रहते है,जब रेडर को डिफेंडर द्वारा रोक लिया जाता है। तो उसे सुपर टैकल कहते हे, और डिफेंडर द्वारा टीम को अतिरिक्त पॉइंट मिल जाते है। और उसका एक खिलाडी खेल में वापस आ जाता है। 

5. सुपर रेड:  सुपर रेड की बात करे तो जब रेडर विपक्ष में रेड देने जाता हें तो अज रेडर डिफेंडर खिलाडी को तीन या तीन से अधिक तो टच कर लेता हे तब सुपर पॉइंट रेड बोलते हैं।

6. डु और डाई:  यादि किसी भी टीम का रेडर अगर वो रेड देने जा रहा हे और वो दो वार बिना पॉइंट के लोटता हे तो उस टीम की तीसरी रेड डूऔरडाई रेड बोली जाती हे अगर इस रेड में रेडर पॉइंट नगही लता तो वो बिना डिफेंडर द्वार खेल से आउट हो जाता हे िफ़र उसे उसी टीम को कोई जब पॉइंट लाता अज वो खेल में वापस आता है।

7. एम्प्टी रेड: अगर कोई रेडर अपनी रेड देने जाता हे और बिना कोई छुए डिफेंडर को वो वापस अपने पाले में रेडर आजाता हे तो वो रेस एम्प्टी रेड कहते है।

8. टच पॉइंट:  अगर कोई रेडर अपनी रेड देने जाता हे और वो भागते हुए डिफेंडर को उसकी बॉडी को टच कर के वो वापस चला जाता है तो उसे टच पॉइंट कहते है।

भारतीय कबड्डी के प्रकार (Types of Indian Kabaddi)

1.संजीवनी कबड्डी :   इस कबड्डी के खिलाडी आउट होने के बाद भी वापस आ जाता है अगर उनका टीम का उनका रेडर पॉइंट ले कर आता हे तो वो वापस खेल में आ जाता है ये खेल 40 मिनट का होता हे , ये २०२० मिनट के २ राउंड होते हे इन दोने के बीच में 5 मिनट का राउंड होता है

२.जेमिकी कबड्डी:    इस कबड्डी में खिलाडी आउट होने के बाद फिर खेल में वापस नही आता हेया अगर एक वार रेडर या डिफेंडर आउट हो गया तो वो खेल ख़त्म तक नही खेल में आयेगा इस खेल में समय नहीं होता हे इसके 6 से 7 राउंड तक चलता है और इस खेल में 6 -7 पॉइंट तह ही चलता है

3.अमर कबड्डी:    इस खेल में खिलाडी कभी भी खिलाड़ी आउट नही होता हे इस खेल में रेडर या डिफेंडर आउट हो ने के बाद भी खेलते रहते हें इसमें कोई समय सीमा नही होती हे ,इस में रेडर पकडे और डिफेंडर टच करने पार तो पॉइंट तो मिलता हे और कोई आउट नहीं होता हें 

4.पंजाबी कबड्डी :  ये एक 72 फिट के व्यास के वृत्तिय परिसीमा के अंदर खेला जाता है इस कबड्डी के तीन शाखा हे – 1 लंबी कबड्डी ,.सोची कबड्डी ,.गूंगी कबड्डी

कबड्डी की कुछ मुकाबले (Some Kabaddi matches)

1. एसियन गेम

2. एशियन कबड्डी कप

3. कबड्डी वर्ल्ड कप

4. विमेंस कबड्डी

5. प्रो कबड्डी लीग

6. युके कबड्डी कप

7. विश्व कबड्डी लीग

 

FAQ

1 Q:  कबड्डी का पहला नाम क्या था?

ANS: कबड्डी एक तमिल शब्द ‘काईपीडी’ शब्द से बना है जिसका मतलब है हाथ थामे रहना, तमिल शब्द से निकलने वाला शब्द कबड्डी उत्तर भारत में बहुत मशहूर है।

2.Q कबड्डी का पिता कौन है?

ANS: कबड्डी का जनक (Father of Kabaddi) किसे कहा जाता है। तो बता दें कि हरजीत बराड़ बाजाखाना (Harjit Brar Baja Khana) को कबड्डी का पिता कहा जाता है।

3.Q बड्डी कौन से देश का राष्ट्रीय खेल है?

ANS: कबड्डी का खेल बगंलादेश का राष्ट्रीय खेल हें।

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