भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है ? (Who is called the father of cricket in India )

HELLO- दोस्तों आज हम बाते करेंगे की भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है ? क्रिकेट, भारत में उत्साह जगाने, एकता को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय गौरव की भावना पैदा करने के लिए प्रसिद्ध खेल, एक ऐतिहासिक इतिहास रखता है। ये पुरानी ऐतिहासिक बहस का विषय है। इस लेख में, हम भारत में क्रिकेट की उत्पत्ति के बारे में गहराई से चर्चा करेंगे, उन प्रमुख हस्तियों की खोज करेंगे जिन्होंने खेल को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और अंततः उस व्यक्ति की पहचान की जिसे अक्सर देश में “क्रिकेट के जनक” की उपाधि से सम्मानित किया जाता है।

भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है?(Father of cricket in India)

भारत में क्रिकेट का आगमन: 

भारत में क्रिकेट की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान 18वीं शताब्दी की शुरुआत में मानी जा सकती है। यह खेल भारत में तैनात ब्रिटिश नाविकों, सैनिकों और व्यापारियों के माध्यम से उपमहाद्वीप में पहुंचा। क्रिकेट को स्थानीय आबादी की कल्पना पर कब्जा करने में ज्यादा समय नहीं लगा, जिसके परिणामस्वरूप कलकत्ता (अब कोलकाता), बॉम्बे (अब मुंबई), और मद्रास (अब चेन्नई) जैसे प्रमुख शहरों में क्रिकेट क्लबों की स्थापना हुई।

1. राजा रणजीत सिंह जड़ेजा: भारतीय क्रिकेट के जनक कहा जाने वाले

भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है ? (Who is called the father of cricket in India )

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

भारतीय क्रिकेट के शुरुआती इतिहास में एक नाम जो प्रमुखता से उभरता है वह है रणजीतसिंहजी विभाजी जड़ेजा, जिन्हें रणजी के नाम से भी जाना जाता है। 1872 में जन्मे रणजी नवानगर के शाही परिवार के सदस्य थे और उनकी शिक्षा इंग्लैंड में हुई थी। उनकी क्रिकेट प्रतिभा असाधारण थी और उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारतीय क्रिकेट का मान बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रणजी की नवीन बल्लेबाजी तकनीकों और शानदार खेल शैली ने उन्हें प्रसिद्धि और पहचान दिलाई। रणजी का योगदान मैदान के बाहर भी बढ़ा। उन्होंने देश के भीतर खेल के विकास की नींव रखते हुए युवा भारतीय क्रिकेटरों को सलाह देने और बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारतीय क्रिकेट पर उनका प्रभाव इतना महत्वपूर्ण था कि उन्हें अक्सर “भारतीय क्रिकेट का पिता” कहा जाता है। रणजी की विरासत भारत में क्रिकेटरों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहती है। और इनके नाम पर ही रणजी ट्रॉफी.

राजा रणजीत जड़ेजा सिंहजी का क्रिकेट करियर :

राजा रणजीत ने 307 फस्ट क्लास खेले | इन मैच में 56 की औसत के साथ 24692 रन बनाए | जिसमें 72 शतक और 109 अर्धशतक शामिल है रणजीत लगातार 4 साल तक वो टीम इंडिया के कप्तान रहे  थे | 

2. सी.के. नायडू: एक दूरदर्शी नेता

भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है ? (Who is called the father of cricket in India )

 

भारत में “क्रिकेट के जनक” की चर्चा में एक और नाम जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, वह है कोट्टारी कनकैया नायडू, जिन्हें आमतौर पर सी.के. के नाम से जाना जाता है। नायडू. 1895 में जन्मे नायडू टेस्ट क्रिकेट में देश का प्रतिनिधित्व करने वाले पहले भारतीय क्रिकेटर थे। उनकी सर्वांगीण क्षमता, करिश्माई नेतृत्व और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बना दिया। भारतीय क्रिकेट पर नायडू का प्रभाव एक संरक्षक और कोच के रूप में उनकी भूमिका तक बढ़ा। उन्होंने जमीनी स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए अथक प्रयास किया और युवा प्रतिभाओं को निखारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों ने देश भर में खेल को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सी.के. नायडू का क्रिकेट करियर :

नायडू जी ने 7 टेस्ट मैच खेले थे | उन्होंने 7 मैच में 25 औसत से 350 रन बनाये जिसमे 2 अर्धशतक है और उन्होंने 9 विकेट भी चटकाए थे |

प्रथम श्रेणी :

उनके प्रथम श्रेणी में 207 मैच में 35 के औसत से 11825 रन बनाये जिसमें 26 शतक और 58 अर्धशतक बनाये थे और उन्होंने 411 विकेट भी चटकाए थे |

लाला अमरनाथ: एक नायक की तरह 

भारत में क्रिकेट का जनक किसे कहा जाता है ? (Who is called the father of cricket in India )

जैसे-जैसे भारतीय क्रिकेट का विकास जारी रहा, स्वतंत्रता-पूर्व युग में लाला अमरनाथ एक सच्चे पथप्रदर्शक के रूप में उभरे। वह टेस्ट क्रिकेट में शतक बनाने वाले पहले भारतीय थे और उन्होंने 1952 में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की पहली टेस्ट श्रृंखला जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। चुनौतीपूर्ण अवधि के दौरान भारतीय क्रिकेट में अमरनाथ के दृढ़ संकल्प, कौशल और योगदान ने उन्हें इतिहास में एक विशेष स्थान दिलाया। खेल का एक क्रिकेट हस्ती के रूप में अमरनाथ की विरासत उनकी मैदानी उपलब्धियों से कहीं आगे तक जाती है। बाद में उन्होंने भारतीय क्रिकेट की बेहतरी की दिशा में काम करते हुए कोचिंग और प्रशासन में कदम रखा। खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और क्रिकेटरों की पीढ़ियों पर उनका प्रभाव भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक प्रमुख व्यक्ति के रूप में उनकी स्थिति को मजबूत करता है।

लाला अमरनाथ का क्रिकेट का करियर:

उन्होंने 24 टेस्ट मैच खेले जिसमे 878 रन बनाये जिसमे 1 शतक और 4 अर्धशतक लगाये और 24 मैच में 45 विकेट लिए जिसमे 2 बार 5-5 विकेट लिए थे |

प्रथम श्रेणी:

उन्होंने 186 मैच में 41 औसत से 10426 रन बनाये जिसमे 31 शतक और 39 अर्धशतक बनाये और 463 विकेट भी चटकाये है, और 19 बार 5-5 बार विकेट भी चटकाए है | 

FAQ

Q. 1 भारत में क्रिकेट का पिता कौन है?

ANS: भारत के क्रिकेट के जनक और पिता राजा रणजीत सिंह जड़ेजा को बताया जाता है वो भारत टीम के 4 साल तक लगातार कप्तान रहे थे | 

Q. 2 दुनिया में क्रिकेट का राजा कौन है?

ANS: आज के टाइम की बात करे तो इंडिया के सर्वश्रेष्ट बाल्लेबाज विराट  कोहली है और इस से पहले भर के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर रहे थे |

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